बाजवा ने कहा कि पाक शांति चाहने वाला मुल्क है। वह सभी देशों खासतौर पर पड़ोसियों के साथ शांतिपूर्ण और सौहार्दपूर्ण संबंध चाहता है। हालांकि उसकी शांति की चाहत को किसी भी तरह से उसकी कमजोरी नहीं समझी जानी चाहिए। हमारी सेनाओं किसी भी हमले का जवाब देने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। इस दौरान जनरल बाजवा एक बार फिर जम्मू-कश्मीर के लोगों के स्व-निर्णय के मूल अधिकार लिए राजनीतिक एवं नैतिक समर्थन की हिमायत करते दिखे।
विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मंचों पर आतंकवाद को लेकर खरीखोटी सुनने के बाद हर समय युद्ध की घुड़की देने वाली पाकिस्तानी सेना के तेवर अचानक ढीले पड़ गए हैं। पाक सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने भारत के साथ शांति वार्ता की हिमायत की है। उन्होंने रविवार को कहा कि भारत-पाक के बीच कश्मीर समेत सभी विवादों का समाधान व्यापक और सार्थक वार्ता से किया जा सकता है।
वह पाकिस्तान सैन्य अकादमी की पासिंग आउट परेड के दौरान प्रशिक्षु अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे। पीओके में सर्जिकल स्ट्राइक के बाद से पाक सेना भारत को किसी भी सैन्य हमले का कड़ा जवाब देने की घुड़की देती रही है।
सेना की मीडिया इकाई इंटर सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) की ओर से जारी बयान के अनुसार, जनरल बाजवा ने कहा, हमारा स्पष्ट मत है कि भारत और पाक के बीच विवादों का शांतिपूर्ण समाधान निकाला जा सकता है। इसमें कश्मीर जैसा मुख्य मुद्दा भी शामिल है। इसके लिए व्यापक और सार्थक वार्ता की दरकार है। भले ही ऐसी वार्ता किसी एक के पक्ष में न हो लेकिन यह इस क्षेत्र में शांति के लिए अनिवार्य शर्त है। पाक ऐसी वार्ता के लिए प्रतिबद्ध है। लेकिन इसका आधार उसकी संप्रभु समानता, गरिमा और सम्मान है।