सुप्रीम कोर्ट में रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद पर रोजाना सुनवाई हो रही है। सोमवार को मामले की सुनवाई नहीं हो सकी, इसलिए अब मामला मंगलवार को आगे बढ़ रहा है। 6 अगस्त से इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में सप्ताह में पांच दिन हो रही है। जस्टिस बोबडे सोमवार को अदालत में अनुपस्थित रहे, जिसकी वजह से इस मामले की सुनवाई नहीं हुई। आज रामलला विराजमान के वकील सी.एस.वैद्यनाथन एक बार फिर अदालत में अपनी दलीलें पेश कर रहे हैं।
20.8.2019 सुनवाई के लाइव अपडेट…
11.55 AM: सुनवाई के दौरान, न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा कि एएसआई ने क्या उपय इकट्ठा किया था? वैद्यनाथन ने कहा कि यह एएसआई की रिपोर्ट में नहीं था, एएसआई बहुत बाद में आया। राम वैखरण के वकील सीएस वैद्यनाथन ने कहा कि मस्जिद बनाने के लिए मंदिर को तोड़ दिया गया था। उन्होंने एएसआई की रिपोर्ट का हवाला देते हुए मगरमच्छों, कछुओं का भी जिक्र किया और कहा कि उनका मतलब मुस्लिम संस्कृति से नहीं था।(Temple mosque dispute)
11.43 AM: रामलला के वकील वैद्यनाथन ने कहा कि 1114 ईस्वी से 1155 ईस्वी तक, साकेत मंडल के 12 वीं सदी के राजा गोविंदचंद्र थे, तब अयोध्या उनकी राजधानी हुआ करती थी। उन्होंने बताया कि यहां विष्णु का बहुत भव्य मंदिर था, पुरातत्वविदों ने भी इसकी पुष्टि की है।
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11.15 AM: रामलला के वकील सी.एस. वैद्यनाथन ने अदालत को बताया कि मुस्लिम पक्ष ने पहले कहा था कि जमीन के नीचे कुछ भी नहीं था, लेकिन बाद में उन्होंने कहा कि पाया गया ढांचा एक इस्लामिक ढांचा था। उन्होंने कहा कि पुरातत्व विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, जमीन के नीचे एक मंदिर था। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने भी इस रिपोर्ट पर सहमति दी है।
रामलला के वकील की ओर से एक उदाहरण देते हुए कहा गया कि आज के दौर में लोग सुबह सबरीमाला जाने और शाम को लौटने के लिए उड़ान भरते हैं। लेकिन भक्त कई वर्षों से राम भूमि का चक्कर लगा रहे हैं, तब से, जब सरयू और अन्य नदियों पर कोई पुल नहीं था।
10.50 AM: अयोध्या विवाद पर कोर्ट में सुनवाई शुरू। रामलला विराजमान के वकील सी.एस. वैद्यनाथन अपने तर्क दे रहे हैं। उन्होंने अदालत में पुरातत्व विभाग की खुदाई में मिले साक्ष्य प्रस्तुत किए।
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